3 लोक का परिचय – निराकार, आकार, साकार – ब्रह्मा कुमारीज
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कितनी दुनीयाए है? दुनिया के कितने आयाम है?
हम जिस दुनिया मे रहते है, उसे स्थूल वतन कहा जाता है – क्यूकी यह दुनिया प्रकृति के 5 तत्वो से बनी हैl हम जो भी कुछ जानते हैं और हमारी शारीरिक इंद्रियों तक पहुंच में हैं, यह भौतिक दुनिया है। तो हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यह स्थूल वतन अर्थात भौतिक दुनिया ज़रूर मौजूद है। क्योंकि यहां सब कुछ भौतिक है (स्पर्श कर सकते है वा देख सकते है), हम इसे कॉर्पोरियल (corporeal) दुनिया कहते हैं। इसी दुनिया को सृस्टि कहा जाता है l
अब एक और दुनिया है, विचारों की दुनिया है। इस दुनिया में, कोई आवाज नहीं है और न ही कोई भौतिक वस्तुएं हैं। हम इसे सूक्ष्म दुनिया अथवा सूक्ष्म वतन कहते हैं। यह दुनिया हमारे संकल्पो से बनती और आकार लेती है l जैसे ही आत्मा के संकल्प है, वैसा ही शरीर उसी आत्मा का सूक्ष्म वतन मे बनता है l अर्थात सभी आत्मा का एक शरीर सूक्ष्म वतन मे ज़रूर मौजूद है l यह शहीर उस आत्मा के सतोप्रधान स्वरूप को दर्शाता है l समझे ? यह एक गहरा रहस्य है, की कैसे सृस्टि चक्र का ड्रामा चलता है l
तीसरी दुनिया से परे है जो ईश्वर का सर्वोच्च निवास सर्वोच्च आत्मा है। आत्मा की दुनिया में, जैसा कि नाम से पता चलता है, केवल प्रकाश के छोटे बिंदु (आत्माएं) रहता है। यह उच्चतम आयाम है। यहां कोई जिंदगी नहीं, कोई क्षण नहीं, कोई भावना नहीं है। यह सिर्फ आप ही है, ईश्वर सर्वोच्च आत्मा और शाश्वत मीठे चुप्पी .. इसके बारे में सोचना भी आत्मा का शुद्धिकरण है निश्चित रूप से यहां कोई शारीरिक अनुभव नहीं है।
निराकार आत्मा की दुनिया, आकार फरिस्तो की दुनिया और साकार दुनिया (सृस्टि)
यह चित्र 3 दुनिया दिखा रहा है (साकर दुुनिया, सूक्ष्म लोक और परमधाम)