* मुरली कविता दिनांक 12.2.2019 *

टीचर हमारा विदेही जो याद की मेहनत कराता
हम सब घर जाएंगे जब इम्तिहान पूरा हो जाता
साक्षात्कार करके बच्चों धोखा कभी ना खाना
याद की मेहनत करके कर्मातीत अवस्था पाना
केवल बाप की दृष्टि द्वारा पावन ना बन पाओगे
पाप तब ही कटेंगे जब याद में समय बिताओगे
खुद को आत्मा समझोगे तो टीचर याद आएगा
इम्तिहान पास करते ही ये ड्रामा पूरा हो जाएगा
जो टीचर हमें पढ़ाते वो सबकुछ समझते जाना
पढ़ाई के संग संग बाप को याद भी करते जाना
माया के तूफानों से बच्चों बिलकुल ना घबराना
कर्मेन्द्रियों से विकर्म करके पाप ना कोई चढ़ाना
स्वदर्शन चक्र चलाकर बच्चों पाप भस्म करना
बाप को याद करके अपने विकर्म विनाश करना
विकर्म मिटाने में बाप की दृष्टि काम ना आएगी
अपनी मेहनत ही तुम बच्चों को पावन बनाएगी
खुद को आत्मा समझने का करते रहो अभ्यास
हर इम्तिहान में मेरे बच्चों तुम हो जाओगे पास
बाप ने संसार को कितना सुन्दर बगीचा बनाया
संसार बना शैतानी बगीचा जब से रावण आया
भारत को लूटने वाले ही बाप के पास अब आते
जो कुछ लूटा है भारत से वो वापस हमें लौटाते
अपनी कर्मेन्द्रियों से कभी कोई पाप ना करना
खुद को कर्मातीत बनाने की मेहनत रोज करना
साक्षात्कार की आश तुम मन में कभी ना लाना
बाप की याद से अपने विकारों की जंक मिटाना
विश्व कल्याण के निमित्त बन उठाओ जिम्मेदारी
व्यर्थमुक्त होकर बन जाओ विश्व कल्याणकारी
शुभकामना शुभभावना का वायुमण्डल बनाओ
इसी विधि द्वारा विश्व का परिवर्तन करते जाओ
ज्ञान की शक्ति अपनाकर जीवन में शांति लाओ
अज्ञान की शक्ति क्रोध को जड़ मूल से मिटाओ
*ॐ शांति*